भारत के अर्थव्यवस्था में प्रमुख उद्योगों का योगदान

देश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने और देश का विकास का कारण उस देश के उद्योग होते है। देश के विभिन्न उद्योग देश को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं और यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये सभी उद्योग चाहे कितने भी छोटे क्यों न हों, न केवल जीडीपी के मामले में बल्कि रोजगार जैसे अन्य तथ्यों के मामले में भी बहुत योगदान देते हैं।

भारतीय आर्थिक विकास में प्रमुख उद्योगों की भूमिका

परंपरागत भारत के छह प्रमुख उद्योग थे, उसमे स्टील, कपड़ा, जूट, चीनी, सीमेंट और कागज शामिल थे। पर धीरे धीरे कुछ नए उद्योग भी इस सूचि में शामिल होते गए, जैसे ऑटोमोबाइल, पेट्रोकेमिकल, फार्मासूटिकल, बैंकिंग और फाइनेंस। इस सभी नए-पुराने उद्योग ने पूरी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन, रोजगार सृजन और आय का समान वितरण करके अर्थव्यवस्था को लाभान्वित किया है।

लोहा और स्टील उद्योग

लोहा और स्टील उद्योग भारत के सबसे महत्वपूर्ण उद्योगों में से एक है। वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के अनुसार, भारत स्टील के दुनिया के शीर्ष 10 उत्पादकों में से एक है। इसके आलावा भारत हर साल बड़ी मात्रा में स्टील का आयात करता हैं।

लोहा और स्टील का भारत के सकल घरेलु उत्पाद में काफी बड़ा योगदान रहा है। भारत सरकार को अपनी नीतियों के माध्यम इस उद्योग के कामकाज को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। भारत 2017 में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक था। टाटा स्टील और JSW स्टील भारत के इस उद्योग के बड़े प्लेयर है।

कपड़ा उद्योग

कपड़ा उद्योग भारत के प्राचीन उद्योगों में से एक है और प्राचीन काल से भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग रहा है। इसमें पारंपरिक तरीके से हाथ से बुनाई और हाथ से कताई भी शामिल है।

कपड़ा उद्योग भारत के औद्योगिक उत्पादन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा रखता है तो इसके अलावा, यह कुल निर्यात आय का लगभग 33 प्रतिशत योगदान देता है। भारत दुनिया के कुल कपड़ा उत्पादन में 6.9% से अधिक योगदान करता है।

भारत और जागतिक वस्त्र उद्योग I India and the global textile industry

जुट उद्योग

जुट की खेती भारत में पुराने ज़माने से होती आ रही है। जुट की खेती भारत के उत्तरी इलाके में ज्यादा तर की जाती है।
विश्व के उत्पादन का 30 प्रतिशत योगदान अकेला भारत करता है। इससे भारत में विदेशी मुद्रा आती है क्योकि जुट अधिकांश दुनिया के विभिन्न हिस्सों में निर्यात किया जाता हैं। यह उद्योग लगभग 3 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करता है। भारत में लगभग 40 लाख परिवार जूट की खेती पर निर्भर हैं।

भारत का जुट उद्योग I Jute Industry of India

चीनी उद्योग

चीनी उद्योग भारत का दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है और भारत दुनिया के सबसे बड़े चीनी उद्योगों में से एक गिना जाता है। चीनी उद्योग भारत के प्रत्यक्ष 3.50 लोगों को अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, भारत में लगभग 400-500 चीनी कारखाने हैं।

भारत का चीनी उद्योग

पेपर उद्योग

लुगदी और कागज उद्योग को वर्तमान समय में कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, क्योंकि इस उद्योग का मूल स्त्रोत जंगलों पर निर्भर है और इस उद्योग की उच्च प्रदूषक प्रकृति के कारण रही हैं। हालाँकि, उद्योग में आज आधुनिकीकरण का अभाव है।

लुगदी और कागज उद्योग भारत के महत्वपूर्ण उद्योगों में से एक है। भारत में पेपर मीलों की संख्या 750 से अधिक है और इस उद्योग की क्षमता लगभग 10.90 एमटीपीए कागज होने का अनुमान है।

पेट्रोकेमिकल उद्योग

भारत सरकार ने जब इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड की स्थापना की तब भारतीय पेट्रोकेमिकल उद्योग को बढ़ावा मिला। इसके आलावा भारत के पश्चिमी तट के साथ अपतटीय क्षेत्र में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज से पेट्रोकेमिकलके उद्योग को नया आयाम जोड़ा। भारतीय रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग का मूल्य 118 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।

भारत में महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग का और सकल उत्पादन का 50% से अधिक हिस्सा रखते है।
भारतीय अग्रणी कंपनी में टाटा केमिकल्स लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड और यूपीएल लिमिटेड कंपनियां शामिल है।

फार्मास्युटिकल

चिकित्सा उद्योग दवाओं के और उनके उत्पादन के सम्बंधित है। भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग दुनिया में सबसे तकनीकी रूप से उन्नत और वैज्ञानिक रूप से सक्षम फार्मास्युटिकल उद्योगों में से एक है। भारत के कई अनेक कंपनियां भारत के साथ अन्य देशों के साथ कार्य कर रही है। इन कंपनियां विभिन्न दवाओं और टीकों के विकास और निर्माण के लिए अपने अनुसंधान और विकास के लिए कार्य करते है।
भारत के ल्यूपिन और सन फार्मा भारत में फार्मास्युटिकल के बड़ी कंपनियां है।

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग

आईटी उद्योग भारत में तेजी से फ़ैल रहा है। युवाओंमें इसका काफी आकर्षण है। आईटी सॉफ्टवेयर और सेवाओं के लिए भारत अनुबंध एजेंसियों के साथ काम करने वाली कई अमेरिकी और यूरोपीय संघ के कंपनियों के साथ आउटसोर्सिंग ने एक अंतरराष्ट्रीय आयाम हासिल कर लिया है।

भारत ने पिछले कुछ सालों आईटी क्षेत्र में काफी तरक्की की है। भारत ने पिछले साल में आईटी उद्योग से 150 अरब डॉलर से अधिक की आईटी सेवाओं का निर्यात किया है और आनेवाले सालों में इसका और भी मूल्य बढ़ाने का अनुमान रखा है। भारत में आईटी क्षेत्र में काम करनेवाले कर्मचारी 4 मिलियन से भी अधिक है।

बैंकिंग और वित्त उद्योग

भारत में बैंकिंग सेवा में पिछले कुछ दशकों में वृद्धि देखी है। हाल के वर्षों में, केंद्र सरकार ने भारत में बैंकिंग प्रक्रिया को धोखाधड़ी मुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए कई बैंकिंग सुधार भी शुरू किए हैं।

टूरिज्म

भारत में पर्यटन व्यवसाय को समृद्ध सांस्कृतिक और विरासत का आशीर्वाद मिला है। यह उद्योग भारत में काफी लम्बे समय से फल फूल रहा है। भारत में सरकार द्वारा भी पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। साथ ही में भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम हैं, इसलिए, भारत में बड़े पैमाने पर पर्यटन उद्योग आगे बढ़ रहा हैं।

भारत का बदलता दूरसंचार उद्योग

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