ब्राज़ील दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। दुनियाभर में 124 देश चीनी का उत्पादन करते है। गन्ने से बननेवाला चीनी की वैकल्पिक मिठास जैसे खांडसारी (कच्ची चीनी की तरह) और गुड़ (गुड़) को तह में शामिल किया जाता है।
भारत में गन्ने का उत्पादन लगभग 2.5 करोड़ लोगों को लाभान्वित करता है। इसमें प्राथमिक उत्पादन में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, बिहार, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक राज्य है। देखा जाये भारत के हर कोने में उगाई जाती है। भारत एक प्राथमिक कारणों में से एक प्रायद्वीपीय भाग है जो खेती के लिए बेहतर परिस्थितियाँ प्रदान करता है।
भारतीय चीनी उद्योग अब जैसा है वैसा पहले नहीं था। भारतीय चीनी उद्योग सरकार के कमजोर नियंत्रण और लोकलुभावन नीतियों के वजह से काफी प्रयासों में झुजता रहा है। सरकार गन्ने के बड़े बकाया से जूझ रही थी, इसीलिए किसी भी समझदार निवेशक ने इस क्षेत्र में अपना पैसा दांव पर लगाने का विकल्प नहीं चुना। फिर भी भारत ने समय समय में गन्ने की खेती और गन्ने का प्रसंस्करण करता रहा है। विशिष्ट स्थान और समय की मांगों को पुरे करते करते नए तकनीकों का विकास किया गया, जिससे भारत को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी बनने में मदद हुई।
चीनी और गुड़ ऊर्जा का सबसे ऊर्जा स्त्रोत है, जो दैनिक कार्य करने के लिए कैलोरी सेवन का लगभग 10% प्रदान करता है। गन्ना भविष्य के प्रमुख ऊर्जा स्त्रोतों में योगदान करेगा इसमें कोई संदेह नहीं है, क्योकि ग्रीन ऊर्जास्रोंतो इसे गिना जाता है। इसके फसल से जैव-ईंधन, जैव-विद्युत और कई जैव-आधारित उत्पादों के रूप में हरित ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत के रूप में भी पेश किया गया है। बायोइलेक्ट्रिसिटी, बायोएथेनॉल, बायोमेन्योर, बायो-सीएनजी और रसायनों का उत्पादन करके चीनी उद्योग धीरे-धीरे आगे बिघड रहा है। जिससे होनेवाले कार्बोन का उत्सर्जन भी शून्य है।
चीनी निर्माण प्रक्रिया कैसी है?
चीनी के उत्पादन के लिए आमतौर पर कई चरणों का पालन किया जाता है।
- गन्ने को दबा के उसका रस निकला जाता है।
- उस रस को उबला जाता है, जिससे क्रिस्टल प्राप्त होता है।
- एक्सट्रैक्टर्स से क्रिस्टल को काटा जाता है, जिससे कच्ची चीनी बनती है।
- एक रिफायनरी में कच्ची चीनी को छाना और धोया जाता है। शेष अनिष्ट तत्वों को निकला जाता है।
- चीनी को क्रिस्टलीकृत करके सुखाया जाता है।
- तैयार चीनी को पैकिंग किया जाता है।
चीनी का उत्पादन
भारत में महाराष्ट्र परंपरागत चीनी उत्पादन में पहले स्थान पर है। क्योकि महाराष्ट्र में अन्य राज्यों की तुलना में लंबी पेराई होती है। उत्तर प्रदेश का उत्पादन रेट भी महाराष्ट्र की बराबर है। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन के अनुसार उत्तरप्रदेश का वर्ष 21-22 में उत्पादन 11.9 मिलियन टन होगा तो महाराष्ट्र का उत्पादन 12.1 मिलियन टन तक पहुंच सकता है।
भारतीय चीनी उद्योग का आयात और निर्यात
भारत सरकार ने चीनी की आयात पर सख्त नीतिया अपनायी है। 2014 के बाद सरकार ने चीनी व्यापर को बढ़ावा देने के लिए और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लिए आयात शुल्क 15% से बढ़ाकर 40% कर दिया।
इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन के आखाड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में भारत ने 2.49 मिलियन टन का चीनी निर्यात किया है। जिसमे सबसे ज्यादा निर्यात इंडोनेशिया में हुई है।