भारत का बदलता दूरसंचार उद्योग | India’s Changing Telecom Industry in Hindi

भारत में दूरसंचार उद्योग तेजी से विकास के साथ बढ़ रहा है और इसमें जबरदस्त बदलाव भी हुए हैं। भारतीय दूरसंचार क्षेत्र कई नीतिगत सुधारों और विनियमों के माध्यम से परिवर्तन की एक प्रमुख प्रक्रिया से गुजरा है। इस उद्योग ने काफी परिवर्तन देखे है, जिसमे इस उद्योग में एक स्पर्धात्मकता देखने मिली और भविष्य में भी मिलेगी।

साल 2020 में भारतीय दूरसंचार उद्योग ने एक कठिन समय देखा। एयरटेल और वोडाफोन पर एजीआर दंड के साथ एक अशांत वातावरण था। कैपेक्स निवेश में गिरावट का रुख देखा गया है। इस दौरान टेलीकॉम मार्केट में रिलायंस जियो लीड ली थी। उद्योग Jio और Airtel के साथ निजी क्षेत्र में एकाधिकार की ओर बढ़ता गया है।

भारत का बदलता दूरसंचार उद्योग I India's Changing Telecom Industry in Hindi

भारत में डिजिटल इंडिया के प्रोत्साहन के वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न नीतिया बनायीं गयी। जिससे अपने व्यवसाय को चलाने के लिए अधिकतम ग्राहक प्रतिधारण और ग्राहक अनुभव प्राप्त करने के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी पर निर्भर थे।

वर्तमान में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार का बाजार है। अगली बड़ी तकनीक, यानी 5G रोल आउट होने के कगार पर है। प्रस्ताव उतने ही ऊंचे हैं जितने इसे प्राप्त हुए हैं। यह न केवल भारतीय दूरसंचार कंपनियों के भविष्य का निर्धारण करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक होगा, बल्कि समग्र रूप से डिजिटल बुनियादी ढांचा भी होगा।

भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्च गति वाली पांचवीं पीढ़ी या 5जी सेवाओं के लिए दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी के दूरसंचार विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नीलामी जुलाई 2022 के अंत तक होने की संभावना है।

भारत सरकार ने हालाँकि दिनों में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्च गति वाली पांचवीं पीढ़ी या 5जी सेवाओं के लिए दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी के दूरसंचार विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें भारत के बड़े उद्योगपति नीलामी में सहभाग लेने की उम्मीद है। इसमें सरकार अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी में 20 साल की वैधता के साथ 72,000 मेगाहर्ट्ज मोबाइल एयरवेव्स को बिक्री के लिए रखनेवाली है।जिससे भारतीय नागरिकोंको 4G से 10 गुना तेज 5G सेवाएं मिलेंगी।

5G क्या है ?

दूरसंचार की पांचवी जनरेशन लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क का अपग्रेड वर्जन है। 5G मुख्य रूप से तीन बैंड – लो-बैंड, मिड-बैंड और हाई फ्रीक्वेंसी बैंड स्पेक्ट्रम में काम करता है। जिसमे तेज इंटरनेट स्पीड, अल्ट्रा लो-लेटेंसी, एक बड़ी नेटवर्क क्षमता, बढ़ी हुई विश्वसनीयता होगी। हालांकि यह अधिकतम 100 एमबीपीएस (मेगाबिट्स प्रति सेकेंड) की गति प्रदान कर सकता है, यह उद्योग की विशेष जरूरतों के लिए इष्टतम नहीं हो सकता है।

यह मुख्यतः तीन बैंड में काम करता है। जिसमे लो-बैंड 5G 600Mhz से 900Mhz फ़्रीक्वेंसी के बिच कार्य करेंगे, जो अभी के 4G के सामान है। मिड-बैंड 5G 1.7GHz से 4.7 GHz फ़्रीक्वेंसी रेंज के बीच और हाई-बैंड 5G 24-47 GHz में की हाई स्पीड फ़्रीक्वेंसी रहेगी।

5G भारत के लिए कैसे उपयोगी हो सकता है।

हाई स्पीड नेटवर्क कनेक्शन से बना 5G में अरबों डिवाइसों को रीयल-टाइम में जानकारी प्राप्त और साझा करने की क्षमता प्रदान करेगा। 5G तकनीक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों को मजबूत करेगी। यह तकनीक मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र को भी बढ़ावा देगी।
इस 5G मोबाइल के रॉडबैंड तकनीक न केवल देश में जीवन को बदल देगी बल्कि देश के अगले कुछ ही वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि को अरबो डॉलर्स तक बढ़ा देगी।

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