Overfishing कैसे समुद्र जीवन को प्रभावित कर रहा है?

मछली पकड़ना समुद्री जीवों के आबादी में गिरावट लाने का एक महत्वपूर्ण कारण है। मछली की शिकार करना कोई बुरी बात नहीं है, पर यह जब बड़े बड़े जहजों द्वारा तेजी से पकड़ी जाती है, तो इसे ओवेरफिशिंग कहा जाता है। अरबों लोग प्रोटीन के लिए मछली पर निर्भर होते है। मछली पकड़ना मुख्य रूप से लोगों का व्ययसाय होता है और लाखो लोगों का यह आजीविका का साधन है।

हमारी दुनिया में हर प्राणी और पौधे का अपना एक महत्त्व है और ये पृथ्वी के समग्र कल्याण में योगदान करते हैं।
ओवेरफिशिंग मतलब एक हद से ज्यादा मछली को पकड़ना है। इससे प्रजनन करने वाली आबादी ठीक होने के लिए बहुत कम हो जाती है। पृथ्वी पर 70% से अधिक महासागरों के साथ, समुद्री जीव, और समुद्री जीवन का समग्र स्वास्थ्य ग्रह पर कहीं और जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

ओवरफिशिंग कैसे समुद्र जीवन को प्रभावित कर रहा है?

इसके कारण क्या क्या हो सकते है?

1. खराब मत्स्य प्रबंधन

मछली पकड़ने का उद्योग प्रबंधन निरिक्षण और उचित सरकारी नियमों से मापा-तौला गया है। मछली पकड़ने की क्षमता के स्तर को सिमित करने की बात आती है तो उसी प्रकार के नियम और कानून बनाये गए है। अधिकांश नियम आम तौर पर लागु नहीं होते है। इसमें मछली पकड़ने के गतिविधियोंका पता लगाना एक चुनौती है।

अपने देश में आनेवाली मछली उचित चैनलों के माध्यम से पकड़ी गयी है की नहीं इसका पता लगाना मुश्किल है। अधिकांश मत्स्य प्रबंधन अंगों में मछली वैज्ञानिक सलाह को पर्याप्त रूप से लागू करने की क्षमता का अभाव है।

2. फिशिंग की अस्थिरता

मछली पकड़ने के लिए जाल के साथ बड़े बड़े फिशिंग गियर मौजूद होते है। इससे मछली के आलावा बाकि जलजीवों को भी पकड़ना संभव हो जाता है।
पकड़े गए अन्य जल जीवों में कछुए, छोटी मछलियां, शार्क, कोरल, केटासियन, ब्रिटल स्टार, स्टार मछली, सी उर्चिन्स, घोंघे(मोलस्क) जैसे जीवों को खतरा पैदा हो जाता है। इन्हे पकड़ा जाता है और नष्ट की किया जा सकता है और समुद्र में फेंका जाता है। कुछ मछुआरे छोटी मछलियों को भी पकड़ लेते हैं, जिससे उन्हें बढ़ने और प्रजनन करने के अवसर से वंचित कर दिया जाता है।

3. आर्थिक और खाद्य के लिए मछली की आवश्यकता

बाजारों में मछली की उपलब्धता और मांग बड़ी है। पिछले कुछ दशकों से बढ़ती आबादी इसका एक कारण भी है। बहुत से लोग प्रोटीन के लिए मछली पर निर्भर है। इसलिए मछली पकड़ने के उद्योगों की आर्थिक आकांशाओंके के लिए मछुवारे तुलना से अधिक मछली पकड़ने पर मजबूर हो चुके है।

4. मत्स्योद्योग की खुली पहुंच

मत्स्योद्योग की खुली पहुंच अधिक मछली पकड़ने का कारण देता है। केवल जल का 1.5 प्रतिशत जल निकायों को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। और इसमें में अधिकतर क्षेत्र ऐसे है जहा मछवारों को अभी भी मछली पकड़ने की छूट मिलती है, जो उन्हें विनाश और कमी के लिए उजागर कर रहे हैं।

5. सरकारी सब्सिडी

दुनिया भर में कई देशों में मछली पकड़ने पर सब्सिडी दी जाती है। भारत में भी सरकारद्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसमें मछली पकड़ने वाले संस्थाओं को जीवित रहने के लिए अनुदान दिया जाता है, जो अंततः अधिक मछली पकड़ने की ओर ले जाता है।

ओवरफिशिंग कैसे समुद्र जीवन को प्रभावित कर रहा है?

ओवरफिशिंग के परिणाम

1. इकोसिस्टम की हानि

ओवेरफिशिंग इकोसिस्टम को प्रभावित करता है। ये मछली के प्रजनन क्षमता में बदल कर सकता है, उनके आकर में बदल करता है। जब अधिक गति से मछली को बहार निकला जाता है तो समुद्री संतुलन डगमगा जाता है। मछली समुद्री वनस्पति और अन्य मछलियां खाती है। इस तरह खाद्य श्रृंखला एक दूसरे पर निर्भर होती है।

शार्क और टूना जैसे विशेष रूप से अत्यधिक मछली पकड़ने के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। जब उनकी बड़ी पैमाने पर शिकार की जाती है तो परिणामस्वरूप खाद्य श्रृंखला के नीचे छोटे समुद्री जानवरों की संख्या में वृद्धि होती है और समुद्री खाद्य श्रृंखला पर इसके नकारात्मक परिणाम होते है। ये बड़े जीव जिस प्रकार की भूमिका निभाते है, यह इकोसिस्टम को संतुलन रखने मदद करते है।

2. शैवाल की वृद्धि

शैवाल को समुद्री जीवन में फलने फूलने में मदद करता है। अधिकतर छोटी से छोटी मछलिया खाने के लिए शैवाल पर निर्भर होती है। लेकिन अगर इसे अपनी इच्छा से बढ़ने दिया जाता है, तो यह मछली, चट्टानों और अन्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे गंभीर विनाश हो सकता है।

3. लक्षित मछलियों की घटती फसल

अधिक मछली पकड़ने से खाने लायक मछली के आबादी में कमी आयी है। जिसके परिणामस्वरूप मछलियों का भंडारण कम होता जा रहा है। इसलिए अत्यधिक मछली पकड़ने पर अंकुश लगाने की तत्काल आवयश्कता है। मछलियों पकड़ने गतिविधिया सीमित करने से मछलियों को प्रजनन करने का समय मिलेगा और अंत में अच्छी तरह से मछली की एक बड़ी आपूर्ति फिर से उपलब्ध होगी।

4. स्थानीय खाद्य स्रोतों के लिए खतरा

दुनिया भर में कई समुदाय है जो सिर्फ भोजन के लिए मछली पर निर्भर है। अधिक मात्रा में मछली पकड़ने जाने पर इन जैसे समुदायों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है।

5. वित्तीय घाटा

बड़े पैमाने पर होनेवाले मछली उद्योग के विपरीत आर्थिक व्यवहार्यता के लिए निम्न स्तर के मछली पकड़ने के उद्योगों पर भी निर्भर हैं। यह आमतौर पर समुद्री जीवन को कम नुकसान पहुंचते है क्योंकि वह छोटे पैमाने पर मछली पकड़ते है। हालाँकि, जब ये समुदाय भोजन या उनके वित्तीय समर्थन तक नहीं पहुँच सकते हैं, तो उन्हें भविष्य में परेशानी होने की संभावना है।

ओवरफिशिंग कैसे समुद्र जीवन को प्रभावित कर रहा है?

ओवरफिशिंग के समाधान

ओवरफिशिंग समुद्र जीवन को प्रभावित कर रहा है। अत्यधिक मछली पकड़ने के प्रभाव काफी गंभीर हैं और अधिक नकारात्मक परिणाम वास्तव में मानव जीवन को प्रभावित करेंगे। दुनियाभर में कई ऐसे संरक्षण समूह है जो लम्बे समय से इसके समाधान पर काम कर रहे है, इसके तकनीक को और उद्योग को टिकाऊ बनाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे है। जानते है इसमें कोनसे समाधान शामिल है।

1. समुद्री प्रबंधन परिषद(MSC)

MSC एक मानक है जो पर्यावरण को नुकसान पहुचाये बिना मत्स्य व्यवसाय करने में मदद करता है। अब उनके पास एक प्रमाणन है कि मत्स्य पालन अपनी प्रथाओं को अद्यतित करके, बिक्री के लिए समुद्री भोजन को लेबल करके प्राप्त कर सकता है, इसलिए उपभोक्ताओं को पता है कि यह एक प्रतिष्ठित स्थान से आया है।

2. देशों के सरकारों से बातचीत

अधिकतर विकसनशील और गरीब देशों में मछली उद्योग प्रमुख उद्योगों में से एक है। इसलिए उसके संरक्षण के प्रयास लंबे समय में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इन क्षेत्रों की स्थापना प्रक्रियाओं में मदद करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। कई समूह देशों को पर्याप्त और प्रभावी प्रबंधन प्रोटोकॉल तैयार करने में मदद कर रहे हैं।

3. विक्रेताओं में परिणामों के प्रति जागरूकता

संरक्षणवादी समस्या को बदलने की कोशिश कर रहे है। जो खुदरा विक्रेताओं के तरीकों में बदल करके उनके मत्स्य पालन से अपने समुद्री भोजन की खरीद के तरीकों पर शिक्षित करना है। उनको परिणामों के प्रति जागरूकता निर्माण करना है।

4. सब्सिडी कम करना या बंद करना

मत्स्य उद्योग को फलाने फूलने के लिए सरकारें सब्सिडी प्रदान करती है। इससे मछवारों को अपने उद्योग के अधिक मछली पकड़ने के प्रति प्रेरणा मिलती है। जिसका अर्थ है कि सब्सिडी केवल ओवरफिशिंग की समस्या में योगदान करती है।

निष्कर्ष :

ख़राब मत्स्य प्रबंधन, मछली पकड़ने की अस्थिरता, आर्थिक जरूरतों के साथ-साथ अवैधता को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके प्रभावों में समुद्री जीवन असंतुलन, आय की हानि, और लुप्तप्राय समुद्री प्रजातियों की कटाई शामिल है। और यह दुनिया के महासागर और समुद्री जीवन को अनकहा नुकसान पहुंचा रहा है।

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