प्राइवेट कैप्टिव 5G नेटवर्क एक संगठन है, जो प्राइवेट संस्था द्वारा स्थापित है। इसमें 5G सेवा का उपयोग केवल संबंधित उद्यम द्वारा किया जायेगा, जो कैप्टिव नेटवर्क द्वारा दी जाएगी।
भारत में 5G नेटवर्क की पूरी तरह से जरुरत नहीं है और 4G नेटवर्क भारत में पूरी तरह से ठीक से कार्यरत है।
प्राइवेट 5G नेटवर्क यह अब भारत में नया है पर बाहरी देशों में यह आम सी बात है। जर्मनी जैसे देश में लगभग 30 कंपनियों को प्राइवेट नेटवर्क के लाइसेंस दिए गए है।
दूरसंचार प्रदाता इसके खिलाफ क्यों हैं?
COAI (Cellular Operators Association of India) का तर्क है कि उद्यम 5g नेटवर्क के सबसे बड़े उपयोगकर्ता हैं।
यदि निजी संस्थाओं को उद्यमों को कैप्टिव नेटवर्क की पेशकश करने की अनुमति दी जाती है तो टीएसपी (दूरसंचार सेवा प्रदाता) का खुदरा राजस्व गिर जाएगा और
COAI ने कहा कि अभी 5जी की बहुत अधिक मांग है क्योंकि टीएसपी आज अपने 4जी नेटवर्क के माध्यम से पूरे देश की आवाज और डेटा की जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा कर रहे हैं।
निजी कैप्टिव नेटवर्क को मंजूरी देने के फैसले का टेलीकॉम कंपनियां विरोध करती रही हैं। 5G नेटवर्क उद्यमों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), मशीन-टू-मशीन (M2M) संचार, पर आधारित नई तकनीक-आधारित उत्पादों को पावर देने के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट का लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा। उद्यमों को अपने निजी कैप्टिव नेटवर्क रखने की अनुमति से एक समानांतर राजस्व धारा से वंचित हो सकते हैं।