साइबर वॉर एक बड़ा खतरा क्यों है? | Why is cyber war a big threat? in Hindi

 

साइबर वॉर मतलब नाम से ही पता चलता है की ये किसी देश के नेटवर्क पे या फिर किसी इन्फोर्मटिव सोशल नेटवर्क पे हमला करने जैसा है। जिससे वास्तविक युद्ध की तरह नुकसान हो सकता है। इसीलिए ये आधुनिक टेक्नोलॉजी युक्त दुनिया में सबका संकट का विषय बना हुआ है। 

सरकारें इस बात को लेकर चिंता के साथ तेजी से जागरूक हो रही है। क्योंकि वित्तीय सेवाओं से परिवहन नेटवर्क तक सब कुछ कंप्यूटर सिस्टम पे निर्भर हो चूका है। इसीलिए इस प्रणाली पर हमला याने मिसाइल्स दागने जैसा है। विनाश के मानक हथियारों के विपरीत, साइबर युद्ध का पता लगाना कठिन है क्योंकि मैलवेयर जैसे तत्वों को गुप्त रूप से सिस्टम में एम्बेड किया जा सकता है।

साइबर वॉर एक सामान्य होने वाले युद्ध की तरह है, जो सीमित झड़पों से लेकर पूर्ण युद्ध तक हो सकता है। जो इसका परिणाम गंभीर रूप से अलग-अलग हो सकता है। इसमें कई मामलों में कंप्यूटर तक सिमित नहीं होता है। ये बैंक से लेकर हवाई अड्डों जैसे बुनियादी ढांचे के प्रबंधन में उनकी भूमिका के कारण उन्हें लक्षित किया जाता है।

साइबर हमले के प्रकार

साइबर अटैक के हमलों का खतरा बढ़ता जा रहा है क्योंकि राष्ट्र की महत्वपूर्ण प्रणालियां इंटरनेट से तेजी से जुड़ी हुई हैं। भले ही इन प्रणालियों को ठीक से सुरक्षित किया जा सकता है, फिर भी उन्हें कमजोरियों का पता लगाने और उनका फायदा उठाने के लिए राष्ट्र-राज्यों द्वारा भर्ती किए गए अपराधियों द्वारा हैक किया जा सकता है।

लक्ष किये जाने मामलों में आप देखेंगे तो देश की स्टॉक एक्सचेंज में डेटा का प्रवाह बदल देना, सिग्नल लाइट्स को कण्ट्रोल करना जिससे ट्रेनें का नहीं चल पाना, प्रतिद्वंद्वी राज्य की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करना, सरकारी डेटा चुराना जैसे उदाहरण शामिल है।

साइबर क्रिमिनल परिवहन प्रणाली, बैंकिंग प्रणाली, बिजली ग्रिड, पानी की आपूर्ति, बांधों, अस्पतालों और महत्वपूर्ण विनिर्माण सहित अपने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के माध्यम से सरकारों पर हमला करना शामिल है।

साइबर वॉर के लिए कौन से देश तैयारी कर रहे हैं?

अमेरिकी खुफिया प्रमुखों के अनुसार, 30 से अधिक देश आक्रामक साइबर हमले क्षमताओं को विकसित कर रहे हैं, हालांकि इनमें से अधिकांश सरकारी हैकिंग कार्यक्रमों को गोपनीयता में उलझाया जाता है। इसने चिंताओं को जन्म दिया है कि एक गुप्त साइबर हथियारों की दौड़ शुरू हो चुकी है।

अमरीका जो लिस्ट पेश करती है, उसमे मुख्य रूप रूस, ईरान, चीन , उत्तर कोरिया मुल्ख के खतरनाक साइबर हमलावर शामिल है। अमेरिका ने लंबे समय से चेतावनी दी है कि रूस में “बहुत उन्नत साइबर कार्यक्रम” है और “गंभीर बुनियादी ढांचे नेटवर्क पर हमलों सहित” एक खतरनाक और या परेशान साइबर हमला संयोजन रहा है। साथ ही चीन के बारे में बताते हुए कहा चीन साइबर सुरक्षा क्षमताओं के मामले में अमेरिका के साथ अंतर को कम करने के लिए देख रहा है। 

 

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